दक्षिण नौसेना कमान, कोच्चि में स्वर्णिम विजय मशाल

दक्षिण नौसेना कमान, कोच्चि में स्वर्णिम विजय मशाल

24 मार्च 21 को नेवल बेस, कोच्चि के भीतर युद्ध स्मारक पर 'स्वर्णिम विजय मशाल' को वाइस एडमिरल ए. के. चावला, पीवीएसएम, एवीएसएम, एनएम, वीएसएम, एडीसी, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) द्वारा पारंपरिक सैन्य रिवाज़ के साथ ग्रहण किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान युद्ध में शामिल भूतपूर्व सैनिकों, वरिष्ठ अधिकारियों और एसएनसी के जवानों ने भाग लिया।

इस 'विजय मशाल' को 50 जवानों के गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा स्वागत किया गया। यह विजय मशाल लगभग 2,500 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 23 मार्च 21 को कोच्चि पहुंची और 'स्वर्णिम विजय वर्ष' यानी बांग्लादेश युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर देश में रक्षा कमान की चार प्रमुख दिशाओं में यात्रा कर रही है। यह मशाल 1971 युद्ध में शामिल युद्ध नायकों और उनके करीबी रिशतेदारों को सम्मानित करने के लिए शहरों और गांवों की यात्रा करेगी।

युद्ध में शामिल भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान और आदर में 'विजय मशाल' जारकाल में निवास कर रहे सी. एक्स. जॉन सीपीओ (सेवानिवृत्त) और करूमल्लूर में रह रहे टी. के. माइकल एमसीईआरए II (सेवानिवृत्त), नौसेना पदक (वीरता) के घरों पर जाएगी। उसके बाद यह मशाल 25 मार्च 21 को एर्णाकुलम जिले के वारापूझा में रहने वाले अवैतनिक सब लेफ्टिनेंट (सेवानिवृत्त) वी. एल. पापाचन, नौसेना पदक (वीरता) के निवास की ओर प्रस्थान करेगी। इस दल के साथ नौसेना का बैंड और औपचारिक गार्ड भी चल रहा है।

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