नौसेना पदक (वीरता) सुशील कुमार, एलएस (जीडब्लू), 230617-F

नौसेना पदक (वीरता) सुशील कुमार, एलएस (जीडब्लू), 230617-F

Nao Sena Medal (Gallantry) Sushil Kumar, LS (GW), 230617-F

यह नौसैनिक नवंबर 18 से अप्रैल 19 तक 'ऑप रक्षक' के लिए जम्मू-कश्मीर में मारकोस टीम का हिस्सा थे। 28 फरवरी - 03 मार्च 19 तक उन्होंने 'ऑप बाबागुंड' में मुख्य भूमिका निभाई थी और नतीजतन दो आतंकवादी मारे गए थे। 02 मार्च 19 को, इमारत में छुपे आतंकवादियों के हाथों 22 आरआर, एसओजी हंदवाड़ा और सीआरपीएफ को हुए भारी नुकसान (06 घातक और 10 गैर-घातक) के बाद मारकोस टीम को अंदरूनी घेरे में शामिल किया गया था। इमारत में छुपे आतंकवादियों को बाहर निकलने या और नुकसान पहुंचाने से रोकने और साथ ही सैनिकों के टूटे हुए मनोबल को बढ़ाने के लिए टीम को सामरिक स्थान पर तैनात किया गया था पहले आतंकवादी को 021530 बजे मार गिराया गया। दूसरे आतंकवादी को मारने के बाद, इमारत को गिराने के लिए आईईडी का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, इमारत के बड़े आकार को देखते हुए आईईडी से उसे कोई भारी नुकसान नहीं हुआ। टीम लीडर ने नाविक और उसके बडी को क्लोज़ क्वार्टर बैटल रूम इंटरवेंशन ड्रिल का इस्तेमाल कर निकट के घर को खाली कराने का जिम्मा दिया और सटीक निशानेबाजी के लिए स्वयं को स्नाइपर के रूप में सामरिक रूप से तैनात किया।

नाविक और उसके बडी के घर को ख़ाली करने के दौरान, एक आतंकवादी ने उस घर पर गोलाबारी शुरू कर दी। वह नाविक भारी गोलाबारी में स्वयं की जान की परवाह किए बिना तुरंत ही घर की छत की ओर दौड़ा और वहां कब्ज़ा कर लिया। दुश्मन की गोलाबारी और बिना किसी सुरक्षा के वो इस प्रेक्षण स्थान से वो बिना रुकावट आसपास देख सकता था। उस नाविक ने शांति और सतर्कता कायम रखते हुए आईईडी टीम को लक्षित घर में दूसरी आईईडी रखने के निर्देश दिए। आईईडी रखे जाते समय, दूसरा आतंकवादी घर से बाहर की ओर दौड़ा और उस नाविक और उसके बडी पर अंधाधुंध गोलियां चलाने लगा। उस नाविक ने, भागने वाले आतंकवादी पर सटीकता से निशाना लगाते हुए गोली चलाई और दूसरे आतंकवादी को मार गिराया। कर्तव्य से परे अदम्य साहस, विशिष्ट वीरता और निडरता दिखाने और दुश्मन की गोलाबारी के बीच आतंकवादी को मार गिराने के लिए, सुशील कुमार, एलएस (जीडब्लू) को नौ सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है।

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