एकल जलयात्रा (सागर परिक्रमा)

मुख्य यात्रा (एकल जलयात्रा) पर सीएनएस द्वारा 19 अगस्त 09, को मुंबई से रवाना किया गया। नौका 'महादेई' 22 अप्रैल 10, को मुंबई में प्रवेश से पहले मार्ग में केवल इन चार बंदरगाहों— पर्थ, क्राइस्टचर्च, पोर्ट स्टेनली और केप टाउन से होकर गुजरा। कमांडर दिलीप डोंडे आईएनएसवी महादेई जहाज से सफलतापूर्वक एकल जलयात्रा पूरा करके नौसेना और राष्ट्र की गौरव बढ़ाया। वे पहले भारतीय है जिन्होंने दक्षिणी गोलार्द्ध के पूर्व से पश्चिम, लगभग 24,000 समुद्री मील की दूरी की एकल जलयात्रा पूरी की है। अकेले विश्व के चारों ओर जलयात्रा के प्रयास के लिए, उच्च शारीरिक और मानसिक क्षमता की आवश्यकता है। यह यात्रा सही अर्थो में बहादुरी, लचीलापन और जीतने की इच्छा की जाँच है। इस अभियान के दौरान अधिकारी को 25-30 फीट ऊँची समुद्री लहरों, 90एनएम (समुद्री मील) प्रति घंटे की रफ्तार की हवाए, भारी बारिश और तूफान के कारण उपकरणों की विफलताओं का सामना करना पड़ा। अभियान के सफल समापन ने, भारत समुद्री परंपराओं को स्वर्णाक्षरों में अंकित कर दिया। यात्रा के मार्ग को नीचे दिखाया गया हैः

केप से रियो रेस के लिए। एकल जलयात्रा की भव्य उपलब्धि पर, आईएनसीवी महादेई ने केप से रियो के लिए सागर नौकायन दौड़ में, 15 जनवरी से 11 फरवरी 11, में भाग लिया। यह प्रतियोगिता केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका और रियो डी जनेरियो, ब्राजील के बीच निर्धारित किया गया था।

Pages

Back to Top