आंध्र प्रदेश में भारतीय नौसेना टीम द्वारा दो प्रमुख ऑक्सीजन प्लांटों की मरम्मत
आंध्र प्रदेश में भारतीय नौसेना टीम द्वारा दो प्रमुख ऑक्सीजन प्लांटों की मरम्मत
नेल्लूर एवं श्री कालहस्ती में दो प्रमुख ऑक्सीजन प्लांटों की मरम्मत करके नवल डॉकयार्ड विशाखापट्टनम की टीमों ने आंध्र प्रदेश राज्य में चालू ऑक्सीजन के संकट के दौरान ऑक्सीजन आपूर्ति में अत्याधिक बढ़ावा करके एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करी है। राज्य प्रशासन के आवेदन के आधार पर, पूर्वी नवल कमान द्वारा नवल डोर्नियर विमान के जरिये विशाखापट्टनम के नवल डॉकयार्ड से विशेषज्ञों की टीमें ले जाई गईं। इसी सुबह कंप्रेसर को पुनर्व्यवस्थित तथा नवल डॉकयार्ड में ही निर्मित कुछ एडॉप्टर एवं अतिरिक्त सहायक वस्तुओं को बदल कर टीमों ने ऑक्सीजन प्लांटों की सफलतापूर्वक मरम्मत करी।
नेल्लूर का कृष्ण तेज ऑक्सीजन प्लांट, प्रतिदिन 400 जंबो टाइप सिलेंडर भरने की क्षमता रखने वाला एक विशाल क्रायोजेनिक प्लांट है जो पिछले 6 दिनों से कार्यात्मक नहीं रहा है। प्लांट की मरम्मत का दायित्व नवल टीम ने उठाया और सफलतापूर्वक माइनस 186 डिग्री सेल्सियस का क्रायोजेनिक तापमान हासिल करने के साथ-साथ बोतलों को चार्ज करने के लिए आवश्यक आउटपुट ऑक्सीजन दाब भी हासिल किया। मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा कर रहे आउटपुट (उत्पादन) का विश्लेषण 98% ऑक्सीजन, शून्य% कार्बन मोनोऑक्साइड एवं 0.01% कार्बन डाइऑक्साइड है।
तिरुपति के नज़दीक श्री कालहस्ती में मौजूद ऑक्सीजन प्लांट, वीपीएसए तकनीक पर आधारित एक विशाल प्लांट है जो प्रति मिनट 5 बार (चार्जिंग के बजाय सीधे लाइनों को भरना) पर 16000 लीटर बनाने में सक्षम है। प्लांट की मरम्मत का दायित्व नवल टीम ने उठाया तथा नमी की तन्मयता (मॉइश्चर अब्जॉर्प्शन) में ज़रूरी सुधार करके मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन के लिए आवश्यक 93% से ऊपर ऑक्सीजन, शून्य% कार्बन मोनोऑक्साइड एवं 0.02% कार्बन डाइऑक्साइड प्रमाणित आउटपुट प्राप्त किया।
कमांडर दीपायन के नेतृत्व में नवल डाकयार्ड विशाखापट्टनम की एक विशेषज्ञों की टीम ने आंध्र प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) टीमों के साथ-साथ जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासन के हार्दिक सहयोग संग कार्य पूर्ण करने के लिए लगभग 7 दिनों तक अथक कार्य कर दोनों प्लांटों को विकसित किया था।