नौसेना के सह-नौसेनाध्यक्ष (डीसीएनएस)

वाइस एडमिरल एमएस पवार, एवीएसएम, वीएसएम

नौसेना के सह-नौसेनाध्यक्ष (डीसीएनएस)

वाइस एडमिरल एमएस पवार, एवीएसएम, वीएसएम जो कि सैनिक स्कूल कोरुकोंडा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला, पुणे के 60वें कोर्स के भूतपूर्व छात्र हैं, उन्हें 01 जुलाई 1982 में कमीशन किया गया था। प्रारंभिक प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड कैडेट' घोषित किया गया और एक वर्ष चले सब लेफ्टिनेंट टेक्निकल कोर्स में भी उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया था। बाद में प्रतिष्ठित और बहुत ही प्रतिस्पर्धी कोर्स नेविगेशन और डायरेक्शन में शीर्ष स्थान पाते हुए उसमें विशेषज्ञता हासिल की।

अपने प्रतिष्ठित नौसैनिक कार्यकाल के दौरान एडमिरल ने विभिन्न स्टाफ और कमान के चुनौतीपूर्ण दायित्वों को पूरा किया और उन्हें छोटे पोतों से लेकर विमान वाहक जैसे विभिन्न मंचों पर बिलेट्स में जाने का समुद्र में 25 वर्षों से भी अधिक का अनुभव है। श्रीलंका में ऑपरेशन पवन के दौरान वे भा नौ पो मगर के नेविगेटिंग ऑफिसर थे, कारगिल युद्ध के दौरान वे पश्चिमी बेड़े के फ्लीट नेविगेटिंग ऑफिसर थे और भारतीय नौसेना द्वारा अदन की खाड़ी में एंटी पायरेसी गश्त शुरू करने पर वे पश्चिमी बेड़े के फ्लीट ऑपरेशंस ऑफिसर थे। उन्होंने भारतीय नौसेना पोत नाशक में कमीशनिंग सीओ, कुठार, तलवार और मॉरिशस नेशनल कोस्ट गार्ड पोत विजिलेंट वरिष्ठ पोत - नं. 1 पैट्रॉल वेसल स्क्वाड्रन के रूप में कमान संभाली थी। 2003 के दौरान वे मॉरिशस नेशनल कोस्ट गार्ड के कमांडेंट भी थे। अपनी संयुक्त सेवा अवधियों में उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षक और एचक्यूआईडीएस में एकीकृत रक्षा स्टाफ उपसहायक प्रमुख (मेरीटाइम) की भूमिका निभाई है। फ्लैग रैंक में प्रोमोशन होने पर, इन्होंने फ्लैग ऑफिसर सी ट्रेनिंग, दक्षिणी नौसेना कमान के स्टाफ प्रमुख और फ्लैग ऑफिसर महाराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र की महत्वपूर्ण असाइंमेंट्स पूरी की हैं। वाइस एडमिरल के रूप में वे प्रोजेक्ट सीबर्ड के महानिदेशक और स्टाफ प्रमुख, पूर्वी नौसेना कमान रह चुके हैं।

रॉयल नेवल स्टाफ कॉलेज, यूके; कॉलेज ऑफ़ नेवल वारफेयर, मुंबई और नेशनल डिफेन्स कॉलेज, दिल्ली के पूर्व छात्र के रूप में, उन्होंने रॉयल नेवल स्टाफ कॉलेज, ग्रीनविच, यूके में प्रतिष्ठित हर्बर्ट लॉट पुरस्कार सहित इन प्रत्येक संस्थाओं में पुरस्कार जीते हैं। एडमिरल के पास मुंबई और मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा और सामरिक अध्ययन में डबल एमफिल की डिग्री है। उन्हें नौसेनाध्यक्ष द्वारा और साथ ही 2003 में मॉरिशस के पुलिस कमिश्नर द्वारा प्रशस्तियों से सम्मानित किया गया था।

एडमिरल जो कि एक निपुण लंबी दूरी के धावक हैं, उनका विवाह श्रीमती मीना पवार से हुआ है और उनके दो बच्चे हैं।

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