10 मई 24 को मेसर्स जी.आर.एस.ई. कोलकाता में 8वें ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. (पूर्व - जी.आर.एस.ई.) की कील लेइंग (पोत की निर्माण प्रक्रिया)

10 मई 24 को मेसर्स जी.आर.एस.ई. कोलकाता में 8वें ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. (पूर्व - जी.आर.एस.ई.) का कील लेइंग समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता वाइस एडमिरल बी शिवकुमार, युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक ने की, जिनके साथ जी.आर.एस.ई. के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, कमांडर पी.आर. हरि, भारतीय नौसेना (सेवानिवृत्त) और भारतीय नौसेना और मेसर्स जी.आर.एस.ई. के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

एमओडी और मेसर्स जी.आर.एस.ई., कोलकाता के बीच 29 अप्रैल 19 को 08 x ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. जहाजों के स्वदेशी डिजाइन और निर्माण के लिए अनुबंध संपन्न हुआ था। अब तक इस परियोजना के छह जहाज पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं और पहले जहाज (अर्नाला) की डिलीवरी 24 अगस्त को करने की योजना है।

अर्नाला श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना के सेवारत अभय श्रेणी के ए.एस.डब्ल्यू. कॉर्वेट्स की जगह लेंगे और इन्हें तटीय जलों में पनडुब्बी रोधी कार्रवाइयों, कम तीव्रता समुद्री कार्यों (एल.आई.एम.ओ.) और माइन बिछाने के संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है। यार्ड 3034, इस परियोजना के अंतिम जहाज की कील लेइंग भारतीय नौसेना के स्वदेशी जहाज निर्माण के प्रति अग्रसरता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' की पहलों के अनुरूप है।

  • 10 मई 24 को मेसर्स जी.आर.एस.ई. कोलकाता में 8वें ए.एस.डब्ल्यू. एस.डब्ल्यू.सी. (पूर्व - जी.आर.एस.ई.) की कील लेइंग (पोत की निर्माण प्रक्रिया)
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