शिवालिक श्रेणी
शिवालिक क्लास (युद्धपोत)
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आईएनएस शिवालिक (एफ 47)
चित्रण
लाल आसमान एवं सफेद पर्वत श्रृंखला की पृष्ठभूमि के साथ घुमावदार तलवारें।
निम्नलिखित से उद्धृत
प्राचीन भारत में इस्तेमाल किये जाने वाला पारंपरिक हथियार रामदाऊ नामक तलवारें 16 सदी में भारत के शिवालिक क्षेत्र में इस्तेमाल की जाती थी।
तात्पर्य
‘प्रतिकूल परिस्थिति में सीना तानकर खड़ा एवं चट्टान की तरह मजबूत’ -
आईएनएस सतपुड़ा (एफ 48)
चित्रण
दो आड़ी-तिरछी तलवारें। ये तलवार विपरीत दिशा में चलने वाली एवं किनारे की ओर कुछ इंच स्टील की पतली पट्टी जो इसे लचीलापन, चपलता एवं कड़ापन देती है, के साथ मजबूत धारदार तलवार है।
निम्नलिखित से उद्धृत
खंड नामक तलवारें, मुख्य रूप से भारत में सतपुड़ा के पूर्वी भागों में इस्तेमाल किए जाने वाला हथियार है।
तात्पर्य
‘असाधारण शक्ति एवं निड़रता से लड़ने को तैयार’ -
आईएनएस सह्याद्री (एफ 49)
चित्रण
दो आड़ी-तिरछी तलवारें। ये तलवार नुकीली एवं धारधार तलवार हैं। इसकी पृष्ठभूमि में नीला आसमान एवं भूरे रंग की पर्वत श्रृखंला दिखाई देती है।
निम्नलिखित से उद्धृत
इस तलवार को गुर्ज के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार की तलवारें व्यापक तौर पर मराठों से जुड़ी हैं।
तात्पर्य
‘निड़र’
क्षमता/विशेषताएं | जानकारी | |
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डिस्प्लेसमैंट (टन) | फुल लोड | 6200 टन |
ठहराव | 5300 टन | |
लंबाई-चौड़ाई | कुल लंबाई | 142.5 मीटर |
चौड़ाई | 16.9 मीटर | |
गति (समुद्री मील) | 30 | |
क्षमता (पूर्ण संख्या) | 257 (35 अधिकारी) |